पूर्व PM को शिवराज की 'अटल श्रद्धांजलि', चंबल प्रोग्रेस-वे को वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा

भोपाल : मध्य प्रदेश में बनने वाले चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री की दूसरी पुण्यतिथि पर यह बड़ा ऐलान किया है. शिवराज चौहान ने कहा कि अटल जी की पुण्यतिथि के अवसर पर हमने फैसला किया है कि ग्वालियर-चंबल के विकास को नई दिशा देने वाले चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम ''अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे'' होगा. साथ ही भोपाल में उनकी दिव्य और भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी.


सीएम शिवराज ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया. उन्होंने हिंदी में भाषण दिए. पोकरण में परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाया. मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर को पुष्पांजलि अर्पित की. उनके साथ राज्य भाजपा अध्यक्ष और खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा, पार्टी के राज्य महासचिव (संगठन) सुहास भगत भी मौजूद थे.


मुख्यमंत्री शिवराज के चंबल प्रोग्रेस-वे को ''अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस-वे'' नाम देने के ऐलान को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि शिवराज ने अटल जी के सहारे ग्वालियर-चंबल में उप चुनाव की वैतरणी पार करने की कोशिश की है. दरअसल, मध्य प्रदेश में विधानसभा की जिन 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं. सितंबर के आखिरी सप्ताह में मध्य प्रदेश में उपचुनाव संभावित हैं.


सीएम शिवराज की इस घोषणा के बाद कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है. विपक्षी पार्टी का कहना है कि बीजेपी अटलजी के नाम का उपयोग सिर्फ सत्ता पाने के लिए कर रही है, उनका ध्येय अटलजी के विचारों पर चलना नहीं, बल्कि खरीद-फरोख्त, सौदेबाजी के माध्यम से सत्ता प्राप्त करना है.


प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे (मुख्यमंत्री शिवराज ने इसे प्रोग्रेस-वे नाम दिया है) चंबल नदी के किनारे-किनारे बनेगा. यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के इटावा और राजस्थान के ऐतिहासिक शहर कोटा को मध्य प्रदेश से जोड़ेगा. इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 404 किलोमीटर होगी, जिसमें 309 किलोमीटर हिस्सा मध्य प्रदेश में, 78 किमी हिस्सा राजस्थान में और 17 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश में होगा. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 7,532 करोड़ रुपए है.


चंबल एक्सप्रेस-वे से भिंड, मुरैना, श्योपुर जिले के साथ आसपास के पूरे इलाके की तस्वीर बदल जाएगी. क्योंकि एक्सप्रेस-वे के दोनों​ किनारों पर लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पाद केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र, स्मार्ट सिटी, शिक्षा केंद्र, रिजॉर्ट्स और मनोरंजन केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है. अगर यह प्रोजेक्ट प्लान के हिसाब से ही पूरा किया जाता है तो, इन इलाकों का तेजी से विकास होगा.