मौजूदा हालात में बच्चों के स्कूल बंद होने के कारण उनकी ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रही हैं। इसी तरह परीक्षाएं भी ऑनलाइन ली जाने लगी हैं। ऐसे में बच्चों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें समुचित संवाद से लेकर समय प्रबंधन तक में दिक़्क़त हो रही है।
1. समझने में मुश्किल
बच्चों को इस तरह पढ़ने की आदत नहीं है, इसलिए उन्हें समझने में वक़्त लगता है। ऐसे में शिक्षक की बात ठीक से सुनने, उसे समझने और नोट्स बनाने में मुश्किल और समय की कमी जैसी समस्याएं आती हैं।
समाधान
बच्चे को समझाएं कि जब शिक्षक पढ़ाएं तो पूरी तरह ध्यान लगाकर पढ़ें, और अपने नोट्स ख़ुद बनाएं न कि शिक्षक के नोट्स पर निर्भर रहें। इससे उनका रिवीज़न भी होगा और विषय-ज्ञान भी दुरुस्त होगा।
2. कनेक्टिविटी समस्या
ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान सबसे आम समस्या जो देखने में आती है वो है कनेक्टिविटी की। इसमें बच्चे कई बार समय पर लॉग-इन नहीं कर पाते या जब तक लॉग-इन हो पाता है क्लास शुरू हो चुकी होती है। कई बार कनेक्शन स्लो होने पर प्रक्रिया रुक जाती है और रीफ्रेश करना पड़ता है। इस कारण समझना मुश्किल होता है कि टॉपिक कहां पहुंच गया है या कई बार तो कुछ भी समझ में नहीं आता।
समाधान
अगर मोबाइल पर ऑनलाइन क्लास करने जा रहे हैं, तो कक्षा शुरू होने से पहले बैकग्राउंड में चल रहे एप्स को बंद कर दें। इससे स्पीड पर असर पड़ता है।
3. भटकाव बढ़ना
ये सबसे बड़ी समस्या है। कई बच्चे पढ़ने या क्लास करने के बहाने माता-पिता का फोन ले जाते हैं और उसमें पढ़ाई को छोड़कर बाक़ी सब कर डालते हैं, जैसे सोशल साइट या यूट्यब चलाना, चैटिंग, गेम खेलना आदि। इसलिए पढ़ाई से भटकाव होना लाज़मी है।
समाधान
बच्चे की क्लास के वक़्त उसे सामने बैठाएं या फिर बीच-बीच में जाकर देखते रहें। इसके अलावा उसे समझाएं कि जिनसे ध्यान भटकता है, उनसे दूर रहें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को क्लास के दौरान बार-बार टोकें नहीं। इससे बच्चे चिढ़ जाते हैं क्योंकि वे इसे अपने क्लासरूम में दख़लअंदाज़ी समझते हैं।
4. कम्युनिकेशन गैप
स्कूल की कक्षा में बच्चे सीधे शिक्षक के संपर्क में रहते थे, तो किसी विषय में संदेह होने पर या उससे जुड़ी अतिरिक्त जानकारी पूछने के लिए वे सहज महसूस करते थे। इसके साथ ही शिक्षक भी बच्चों को देखकर समझ
जाते थे कि उन्हें समझ में आ रहा है या नहीं।