MP की सरकारी नौकरियां अब सिर्फ मूल निवासियों को : शिवराज

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को ऐतिहासिक फैसला करते हुए निर्णय लिया है कि अब मध्यप्रदेश की सरकारी नौकरियां सिर्फ मध्यप्रदेश के युवाओं को ही मिलेंगी। इसके लिए सरकार जल्द ही नियमों और कानून में बदलाव करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण फैसले में तय हुआ है कि मध्यप्रदेश की शासकीय नौकरियां अब सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के संसाधन एमपी के बच्चों के लिए हैं। इसका लाभ एमपी के बच्चों को ही मिलना चाहिए। कोरोना संकटकाल में राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब एमपी के युवाओं को अधिक नौकरी मिलने के अवसर प्राप्त होंगे।


घोषणाओं की समीक्षा
'मेधावी विद्यार्थी योजना'  
विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था, विद्यार्थियों को लैपटॉप देने,  सर्व-सुविधायुक्त और गुणवत्तापूर्ण ‘सीएम राइज स्कूल’ शुरू करने, महिला स्व-सहायता समूहों को इस वर्ष 1300 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण 4 प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाने की घोषणा की भी समीक्षा की।


‘एक जिला एक उत्पाद’
‘एक जिला एक उत्पाद’ सिद्धांत पर जिलों की ब्रांडिंग की तैयारी, बेटियों की पूजा से शासकीय कार्यक्रम शुरू करने और बेटी बचाओ अभियान नए सिरे से प्रारंभ करने, आदिवासियों एवं गरीबों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के  अभियान और नियमों के विपरीत 15 अगस्त 2020 तक दिए गए ऋण शून्य करने के लिए किए गए काम की जानकारी ली।


पुलिस कर्मियों के लिए भोपाल में 50 विस्तरों का अस्पताल बनाने,  नर्मदा एक्सप्रेस-वे से नर्मदांचल में उद्योगों, ईको टूरिज्म और धार्मिक गतिविधियों को प्रोत्साहन और अन्य घोषणाओं की भी समीक्षा की।


जो अफसर टारगेट पूरे नहीं करेगा, नहीं रहेगा
सीएम चौहान ने कहा है कि प्रदेश मे जनता के हित में लिए जाने वाले फैसलों पर अमल और सरकार के टारगेट को जो अफसर पूरा नहीं करेगा, वह नहीं रहेगा। सीएम चौहान ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ 15 अगस्त को की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान कहा कि एक तय तिथि पर प्रदेश के सभी जिलों में निशुल्क खाद्यान्न वितरण का काम शुरू करना है। वह संभावित तिथि एक सितम्बर हो सकती है। इस दिन सभी 33 मंत्री अलग-अलग जिलों में जाएंगे। वे खुद भी कहीं न कहीं जाकर अपने हाथों से खाद्यान्न वितरण की शुरुआत करेंगे। खाद्यान्न वितरण पात्रता पर्ची धारक हैं और खाद्यान्न से वंचित लोगों में होना है। सीएम ने कहा कि अधिकारी तय कर लें कि खाद्यान्न का वितरण होना ही है। इसको लेकर वे इसी सप्ताह प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर, कमिश्नर और संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक करने वाले हैं। इस मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।


CM शिवराज को ब्लूप्रिंट देंगे मंत्री
मंत्री समूह 25 अगस्त तक अनुशंसाओं पर विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपेगा। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार समूह बनाए थे। इसके लिए वेबीनार का आयोजन किया गया था। इस वेबीनार में मंत्री, अफसर, विशेषज्ञ, आमजन, स्वयंसेवी संस्थाओं को शामिल करते हुए उनसे सुझाव लिए गए थे। इन चारों समूहों में जो सुझाव आए है और अनुशंसाए प्राप्त हुई है उन पर विचार कर उन्हें अंतिम रुप देने के लिए आठ से दस मंत्रियों को शामिल करते हुए चार मंत्री समूह बनाए गए है। मंत्री समूह इन अनुशंसाओं को अंतिम रूप देंगे। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए क्या जरूरी है यह मंत्री समूह तय करेगा उसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।