खतरा:शहर के नजदीक 9 बाघों का मूवमेंट, फिर भी तीन साल से अटका है 9 किमी क्षेत्र में चेनलिंक फेंसिंग का काम

शहर के नजदीक लगातार बाघों का मूवमेंट बढ़ रहा है। एनजीटी के आदेश के बावजूद भोपाल वन मंडल ने इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। वर्तमान में समरधा रेंज में कुल 9 बाघ घूम रहे हैं। इनमें कलियासोत से लेकर कठोतिया तक के वन क्षेत्र में 5 बाघों का मूवमेंट है।


बाघों काे जंगल तक ही सीमित रखने के लिए तीन साल पहले इस क्षेत्र के 9 किमी दायरे में चेनलिंक फेंसिंग लगाने का काम शुरू होना था, लेकिन वन मंडल के सुस्त रवैये से यह अब तक नहीं हो सका है। ऐसा तब है जब इंसानी इलाकों में लगातार बाघ घुसपैठ कर रहे हैं। हाल ही में बाघिन-123 ने एक बार फिर अपने दाे शावकाें के साथ मिंडाेरा में एक बछड़े का शिकार किया।


वाल्मी में हर दूसरे दिन लोगों का बाघों से सामना हालात यह हैं कि बाघों ने अपनी टेरेटरी में वाल्मी के इलाके को भी शामिल कर लिया है। यहां के रहवासियों का हर दूसरे दिन बाघों से सामना होने लगा है। इस बारे में बाघों के स्वभावों को जानने वालों का कहना है कि इतने बाघों का शहर के नजदीक पहुंचना खतरनाक है। इससे इंसानों की जान काे खतरा है। इसके बाद भी वन विभाग ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए है।


मिंडोरा में दो शावकों संग घूम रही है बाघिन
मिंडोरा में बाघिन द्वारा बछड़े के शिकार के बाद ग्रामीण दहशत में हैं। उनका कहना है कि कहीं बाघ शिकार के लिए गांव में न आ जाए। बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पूर्व डायरेक्टर मृदुल पाठक ने कहा कि जब बाघिन शावकों के साथ होती है तो उसका स्वाभाव उग्र हो जाता है। इससे इंसान व बाघ के बीच संघर्ष होने के 99% चांस बढ़ जाते हैं।


रेत नहीं मिलने से अटका था फेंसिंग का काम
समरधा रेंज के रेंजर, एके झंवर ने बताया कि आंवला नर्सरी, मदरबुल फार्म, मिंडोरा, चंदनपुरा कलियासोत तक 5 बाघों का मूवमेंट है। इंसान और बाघ के बीच संघर्ष रोकने के लिए यहां पर कई जगहों पर चेनलिंक फेंसिंग करना है। 15 सितंबर तक फेंसिंग का काम पूरा करने के निर्देश मिले हैं। रेत नहीं मिल पा रही है, इस वजह से काम शुरू नहीं हुआ है।