भोपाल : एमपी में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी तबादला उद्योग तेजी से जारी है।उपचुनाव से पहले प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज अपने हिसाब से प्रशासनिक जमावट करने में जुट गए है। खास करके उन अफसरों का तबादला पहले किया जा रहा है जो कमलनाथ सरकार में फ्रंट फुट पर रहे । वही दूसरी नंबर पर मुख्यमंत्री शिवराज अपने पसंद के अफसरों को आगे ला रहे है, जिन्हें कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही लूप लाइन में भेज दिया था। इसमें कुछ पूर्व सीएम के पसंदीदा अधिकारी भी शामिल है।
दरअसल, शनिवार को कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है। स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, उद्योग, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, आबकारी, सहकारिता, वाणिज्यिक कर, श्रम व संस्कृति जैसे तमाम अहम विभागों के प्रशासनिक मुखिया समेत 50 सीनियर आईएएस अफसरों को इधर से इधर किया है।शिवराज ने पूर्व में अपने पसंद के और बाद में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पसंदीदा बने अफसरों को लूपलाइन में भेजा है।
इसमें सबसे पहला नाम कमलनाथ सरकार के गिरने से पहले मुख्य सचिव बनाए गए एम. गोपाल रेड्डी का है , जिन्हें शिवराज ने मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद हटा दिया था। वही अब करीब डेढ़ माह बाद उन्हें राजस्व मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है। शिवराज की पिछली सरकार में भी उन्हें वहीं पदस्थ किया गया था। पिछले कई सालों से बड़े विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे राजेश राजौरा, पी. नरहरि, जेएन कंसोटिया, मनु श्रीवास्तव को लूप लाइन में भेज दिया गया है। वहीं आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा को भी राजस्व मंडल का सदस्य बनाया गया है। प्रमुख पल्लवी जैन गोविल को भी स्वास्थ्य विभाग से हटाकर आदिम जाति कल्याण विभाग भेजा गया है। माना जा रहा है कि इस प्रशासनिक सर्जरी इकबाल सिंह के समर्थक अफसरों को कई बड़े विभाग मिले हैं।