भोपाल. वित्तीय संकट से गुजर रही राज्य सरकार ने सोमवार को 1000 करोड़ का कर्ज लिया है। 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष से शुरू होने के बाद शासन ने पहली बार यह कर्ज लिया है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी शर्तों के अनुसार यह कर्ज समान रूप से दो किस्तों में लिया जाएगा। पहली किस्त में 500 करोड़ की अदायगी डेढ़ साल में करना होगी। दूसरी किस्त में मिलने वाले 500 करोड़ रुपए 3 साल में देना होंगे। यह कर्ज शेयर और बांड गिरबी रखकर लिया जाएगा। इसमें खास यह है कि पहले जो कर्ज लिया जाता रहा है कि वह दीर्घअवधि यानी उसकी अदायगी 8 से 10 साल में करनी होती थी। लेकिन कोरोना संकट की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमराने से कर्ज वापसी की अवधि कम की गई है। राज्य सरकार ने वर्ष 2019-2020 में बाजार से 22 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। हालाकि उस समय कर्ज की लिमिट 27 हजार करोड़ थी। पिछले साल लिए कर्ज के बाद राज्य सरकार पर कुल 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है, जिसकी ब्याज की अदायगी पर 31 मार्च 2020 की स्थिति में सरकार को 14 हजार करोड़ रुपए देना था।
शेयर और बांड रखना था गिरवी
आरबीआई ने 8 अप्रैल को राज्य सरकारों द्वारा बाजार से लिए जाने वाले कर्ज की सूची प्रकाशित की थी। 13 अप्रैल को सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच राज्यों को कर्ज लेने की औपचारिकताएं करना थी। 9 राज्यों को शेयर और बांड गिरबी रखकर इस महीने 13,128 करोड़ का कर्ज लेना था।