जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई जरूरी फैसले लिए गए हैं. इन फैसलों में प्रदेश में मुख्यमंत्री से लेकर विधायक तक और सरकारी अधिकारी कर्मियों के मार्च महीने के वेतन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.
कोरोना लॉकडाउन के चलते प्रदेश के राजस्व में कमी आई है. लिहाजा, मार्च माह में अनुमानित 17 हजार करोड़ रुपए के राजस्व कम हुआ है. यही वजह है कि सरकार ने मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों के मार्च माह के वेतन के कुछ हिस्सों स्थगित किया है. इसमें मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मंत्रिगण विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष मुख्य सचेतक उप मुख्य सचेतक समस्त विधायक गण के मार्च माह के सकल वेतन का 75% हिस्सा स्थगित किया जाएगा.
इसके अलावा अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के मार्च माह का 60% वेतन राज्य सेवा के अधिकारी कर्मचारियों का 50% वेतन चतुर्थ श्रेणी कर्मी को छोड़कर अन्य कार्मिकों का मार्च माह का सकल वेतन का 30% वेतन स्थगित किया गया है. अहम बात ये है कि चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के सभी अधिकारी कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों संविदा और मानदेय पर कार्यरत कार्मिकों को वेतन स्थगित से मुक्त रखा गया है.
बैठक में लिए गए अन्य फैसले में सरकार ने 36 लाख 51 हजार बीपीएल स्टेट बीपीएल और अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को और 25 लाख निर्माण श्रमिकों और पंजीकृत वेंडर्स को देगी 1500 रुपए की और अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया है. सरकार इन्हें पहले 1000 की अनुग्रह राशि दे चुकी है. सरकार इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 78 लाख लाभार्थियों को मार्च माह की पेंशन का वितरण होगा 1 अप्रैल से शुरू किया जाएगा. ये कार्य 1 सप्ताह में कर लिया जाएगा. राज्य सरकार इस पर 700 करोड़ रुपए व्यय करेगी. राज्य सरकार फरवरी माह की पेंशन के रूप में 700 करोड़ का भुगतान भी इसी सप्ताह कर चुकी है.