मुश्किलों का मरकज / शाह के कहने पर डोभाल मौलाना साद को समझाने मरकज गए थे, मौलाना ने पुलिस की मौजूदगी पर ही सवाल उठा दिया था तब्लीगी जमात के चीफ मौलाना साद का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग को मुसलमानों को अलग-थलग करने की चाल बताया था। 28 और 29 मार्च की आधी रात अमित शाह के निर्देश पर एनएसए डोभाल निजामुद्दीन मरकज गए थे डोभाल ने मरकज प्रमुख मौलाना साद से वहां मौजूद सभी लोगों का टेस्ट कराने और निकालने को कहा था दैनिक भास्करApr 02, 2020, 06:29 AM IST नई दिल्ली. निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए जमाती देश में संक्रमण का बड़ा खतरा बन गए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में यहां से लौटे 180 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इस मामले पर अलग-अलग स्तरों पर कार्रवाई जारी है। इस बीच, न्यूज एजेंसी ने अहम खबर दी। इसके मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 28 और 29 मार्च की मध्यरात्रि करीब 2 बजे मरकज का दौरा किया था। एनएसए ने मरकज प्रमुख मौलान साद और बाकी जिम्मेदारों से स्थान खाली कराने को कहा था। डोभाल ने वहां लोगों मौजूद लोगों का कोरोना टेस्ट भी कराने को कहा था। लेकिन, उनकी अपील को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। तेलंगाना से मिली खबर न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिन पहले तेलंगाना के करीमनगर में 9 संक्रमित मिले। ये सभी इंडोनेशिया के नागरिक थे और 18 मार्च को मरकज में शामिल हुए थे। यह जानकारी गृह मंत्रालय और एनएसए को मिली। पुलिस ने प्रबंधकों से स्थान खाली करने को कहा। पुलिस और प्रबंधकों की मीटिंग का एक वीडियो भी सामने आया। होम मिनिस्टर अमित शाह के निर्देश पर डोभाल 28 मार्च को आधी रात मरकज पहुंचे। उनके साथ दिल्ली पुलिस और प्रशासन के कुछ आला अफसर भी थे। डोभाल ने मरकज प्रमुख मौलाना साद और आयोजन से जुड़े दूसरे जिम्मेदारों से जगह खाली करने को कहा। ये भी कहा कि यहां मौजूद सभी लोगों का टेस्ट कराने के बाद उन्हें क्वैरेंटाइन किया जाए। एनएसए ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन. श्रीवास्तव से भी बात की। मौलाना का अड़ियल रुख डोभाल ने मौलाना को दो टूक समझा दिया कि हालात खतरनाक हैं। लिहाजा, मरकज खाली करने के साथ ही अधिकारियों के आदेश मानने होंगे। हालांकि, साद ने फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई। उल्टा उसने पुलिस की मरकज में मौजूदगी पर ही सवाल उठा दिए। इसके बाद पुलिस एक्शन में आई। यहां से लोगों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया। इनके टेस्ट कराए गए। कुछ को क्वारैंटाइन सेंटर्स भेज दिया गया। बता दें कि दिल्ली दंगों और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी एनएसए सड़कों पर नजर आए थे। क्यों गायब हुआ मौलाना? दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस रात डोभाल जमात मुख्यालय पहुंचे थे। उसके कुछ ही देर बाद मौलाना साद गायब हो गया। उसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। सवाल ये है कि अगर मौलाना की मंशा साफ थी तो वो मरकज से गायब क्यों हुआ? मरकज प्रवक्ता मोहम्मद शोएब अली ने बुधवार को कहा, "मौलाना साद फिलहाल जमात हेडक्वार्टर से बाहर हैं। कहां और क्यों हैं, मैं नहीं बता सकता। यह जरूर है कि वो अक्सर परिवार से मिलने घर जाते-आते रहते हैं। संभव है कि वह परिवार से मिलने निकल गए हों।" Recommended News भोपाल में मरकज से आई विदेशी जमातों ने चिंता बढ़ाई, ग्वालियर-भिंड में 48 घंटे का टोटल लॉकडाउन मप्र: लॉकडाउन का आठवां दिन / भोपाल में मरकज से आई विदेशी जमातों ने चिंता बढ़ाई, ग्वालियर-भिंड में 48 घंटे का टोटल लॉकडाउन मरकज से क्वारैंटाइन सेंटर लाए गए लोगों ने डॉक्टरों पर थूका, गालियां दीं; एक ने खुदकुशी की कोशिश की पहले गुस्ताखी, अब बदतमीजी / मरकज से क्वारैंटाइन सेंटर लाए गए लोगों ने डॉक्टरों पर थूका, गालियां दीं; एक ने खुदकुशी की कोशिश की आज का राशिफल

नई दिल्ली. निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए जमाती देश में संक्रमण का बड़ा खतरा बन गए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में यहां से लौटे 180 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इस मामले पर अलग-अलग स्तरों पर कार्रवाई जारी है। इस बीच, न्यूज एजेंसी ने अहम खबर दी। इसके मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 28 और 29 मार्च की मध्यरात्रि करीब 2 बजे मरकज का दौरा किया था।
एनएसए ने मरकज प्रमुख मौलान साद और बाकी जिम्मेदारों से स्थान खाली कराने को कहा था। डोभाल ने वहां लोगों मौजूद लोगों का कोरोना टेस्ट भी कराने को कहा था। लेकिन, उनकी अपील को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई।


तेलंगाना से मिली खबर
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिन पहले तेलंगाना के करीमनगर में 9 संक्रमित मिले। ये सभी इंडोनेशिया के नागरिक थे और 18 मार्च को मरकज में शामिल हुए थे। यह जानकारी गृह मंत्रालय और एनएसए को मिली। पुलिस ने प्रबंधकों से स्थान खाली करने को कहा। पुलिस और प्रबंधकों की मीटिंग का एक वीडियो भी सामने आया।


होम मिनिस्टर अमित शाह के निर्देश पर डोभाल 28 मार्च को आधी रात मरकज पहुंचे। उनके साथ दिल्ली पुलिस और प्रशासन के कुछ आला अफसर भी थे। डोभाल ने मरकज प्रमुख मौलाना साद और आयोजन से जुड़े दूसरे जिम्मेदारों से जगह खाली करने को कहा। ये भी कहा कि यहां मौजूद सभी लोगों का टेस्ट कराने के बाद उन्हें क्वैरेंटाइन किया जाए। एनएसए ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन. श्रीवास्तव से भी बात की। 


मौलाना का अड़ियल रुख
डोभाल ने मौलाना को दो टूक समझा दिया कि हालात खतरनाक हैं। लिहाजा, मरकज खाली करने के साथ ही अधिकारियों के आदेश मानने होंगे। हालांकि, साद ने फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई। उल्टा उसने पुलिस की मरकज में मौजूदगी पर ही सवाल उठा दिए। इसके बाद पुलिस एक्शन में आई। यहां से लोगों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया। इनके टेस्ट कराए गए। कुछ को क्वारैंटाइन सेंटर्स भेज दिया गया। बता दें कि दिल्ली दंगों और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी एनएसए सड़कों पर नजर आए थे।  


क्यों गायब हुआ मौलाना?
दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस रात डोभाल जमात मुख्यालय पहुंचे थे। उसके कुछ ही देर बाद मौलाना साद गायब हो गया। उसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। सवाल ये है कि अगर मौलाना की मंशा साफ थी तो वो मरकज से गायब क्यों हुआ? मरकज प्रवक्ता मोहम्मद शोएब अली ने बुधवार को कहा, "मौलाना साद फिलहाल जमात हेडक्वार्टर से बाहर हैं। कहां और क्यों हैं, मैं नहीं बता सकता। यह जरूर है कि वो अक्सर परिवार से मिलने घर जाते-आते रहते हैं। संभव है कि वह परिवार से मिलने निकल गए हों।"