लॉकडाउन खत्म होने के बाद 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है खाद्य सामग्री की खपत

टोटल लॉकडाउन के चलते पुराने शहर में थोक व फुटकर की करीब 300 किराना दुकानें बंद हैं। यहां न तो महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों से खाद्य सामग्री आ पा रही है न ही भोपाल संभाग की करीब 1.5 लाख फुटकर दुकानों पर सामग्री सप्लाई हो पा रही है। इस तरह 100 प्रतिशत खाद्य सामग्री का आयात-निर्यात रुका हुआ है।


इन दुकानों पर सामग्री की कमी भी हो रही है। यदि आगामी चार से पांच दिनों में किराना की दुकानें बंद रहीं तो लोगों को आटा, दाल, चावल, तेल, शक्कर सहित अन्य खाद्य सामग्री के लिए ज्यादा परेशानी आ सकती है। इतना ही नहीं लॉकडाउन खत्म होने के बाद 30 से 40 प्रतिशत तक खपत बढ़ने का व्यापारी आकलन कर रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि खपत बढ़ने पर परेशानी इसलिए नहीं आएगी, क्योंकि गेहूं, चावल, दाल की नई फसल आ गई है।


कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रवक्ता विवेक साहू ने बताया कि पूरा बाजार बंद होने से रोजाना 100 प्रतिशत कारोबार प्रभावित हो रहा है। 1000 करोड़ रुपये को भोपाल संभाग में कारोबार का नुकसान हो रहा है। यह सही है कि कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन होना जरूरी है पर प्रशासन ने लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए जो टेलीफोन नंबर उपलब्ध कराए हैं, उनके जरिए घरों तक सामग्री नहीं पहुंच रही है।