लॉक डाउन : शिवराज सरकार की किसानों को बड़ी राहत

भोपाल : लॉक डाउन के बीच मुख्यमंत्री शिवराज ने किसानों को बड़ी राहत दी है।जिसके तहत मध्‍य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से शुरू होगी।इसके मद्देनजर प्रतिदिन उपार्जन केंद्रों पर चुनिंदा किसानों को ही एसएमएस देकर बुलाया जाएगा। इसी तरह खरीदी केंद्रों पर हम्माल, तुलावटी और समिति के कर्मचारी भी सीमित संख्या में ही बुलाए जाएंगे।गत वर्ष प्रदेश में 3545 खरीदी केंद्र थे, जिन्हें बढ़ाकर इस वर्ष 3813 कर दिया गया है। इसके अलावा नए केंद्र भी बनाए जा रहे जा रहे थे। कुल खरीदी केंद्रों की संख्या 4000 तक हो जाएगी।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुलना संभावित है। इसके बाद 15 अप्रैल से प्रदेश में रबी उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 31 मई तक उपार्जन कार्य समाप्त कर लेना है। समय कम है। अतः ऐसी व्यवस्था करें, जिससे किसानों की गेहूं, चना, सरसों और मसूर फसलें समर्थन मूल्य पर सुगमता से खरीदी जा सकें। चौहान ने निर्देश दिये कि प्रदेश में अधिक से अधिक खरीदी केंद्र खोले जाएं।


इन केन्द्रों पर होगी खरीदी
इन केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार अन्य विभागों के अमले की सेवाएँ भी ली जाएं। इंदौर, भोपाल और उज्जैन जिले के शहरी क्षेत्रों का रबी उपार्जन नजदीकी ग्रामीण खरीदी केन्द्र पर किया जाएगा। करोना संकट के चलते इस बार रबी उपार्जन कार्य को एक मिशन के रूप में किया जाना है। इससे जुड़ा शासकीय अमला, सहकारी समितियां, मजदूर, हम्माल आदि सभी पूरे सेवा भाव से समर्थन मूल्य खरीदी का कार्य करें।


खरीदी केंद्रों पर भीड़ न लगे, इस बात का इस बार विशेष विशेष ध्यान रखा जाना है। इसके लिए यह आवश्यक है कि किसानों को एसएमएस. और अन्य सूचना माध्यमों से सूचना दी जाए कि उन्हें किस दिन खरीदी केंद्र पर फसलें बेचने आना है। किसान उसी दिन अपनी फसल बेचने ख़रीदी केंद्र पर आएं।


समर्थन मूल्य पर 100 लाख एमटी गेहूं की खरीदी
इस बार लगभग 100 लाख एमटी गेहूं तथा 10 लाख एमटी चना, मसूर, सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जानी है। चौहान ने निर्देश दिये कि खरीदी केंद्रों पर बारदाना, हम्माल, मजदूर, परिवहन भंडारण आदि सभी व्यवस्थाएं अच्छी से अच्छी की जाएं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष परिवहन की बहुत समस्या आई थी। इस बार परिवहन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कहा। उन्होने कहा कि जिन पुराने परिवहन कर्ताओं के रिकॉर्ड खराब हैं, उन्हें इस बार न लगाया जाए।


PP बैग्स से होगा उपयोग
जूट के बोरों की अनुपलब्धता के कारण इस बार पीपी बैग में ही खरीदी का कार्य किया जाएगा> वर्तमान में हमारे पास 64 लाख मीट्रिक टन खरीदी के लिए पीपी बैग उपलब्ध हैं। साइलो केंद्रों में खरीदी क्षमता 9 लाख टन है। पीपी बैग्स खरीदी के आदेश जारी किए जा चुके हैं। प्रदेश में 115 लाख मीट्रिक टन रबी फसलों की खरीदी के लिए पीपी बैग्स की व्यवस्था कर रहे हैं।


कक्काजी ने की थी ये मांग
बीते दिनों राष्ट्रीय किसान मज़दूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था और फ़सलों का उपार्जन तत्काल शुरू करने की माँग की थी।कक्का जी ने पत्र में लिखा था कि रबी फसल की आमदनी से ही किसान अपने कर्ज उतारता है, जरूरी खर्चों के इंतजाम के साथ खरीब फसलों की बुआई की तैयारी करता है। ऐसे में अगर इस वक्त रवि फसलों का उपार्जन नहीं किया गया तो आने वाले वक्त में प्रदेश में खाद्यान्न के संकट हो सकते हैं। उन्होंगे मांग की थी कि वह सरकार के 21 दिन के लॉक डाउन का समर्थन करते हैं किंतु इस विषम परिस्थिति में किसानों को होने वाली समस्याओं से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। इसलिए अविलंब रबी फसलों के उपार्जन की प्रक्रिया शुरू की जाए।


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