45 किमी पैदल चलकर 8 दिन में भोपाल पहुंचा एक परिवार
भोपाल | शाहजहांनी पार्क के पास रहने वाला एक परिवार अचानक जनता कμर्यू लग जाने के कारण आठ दिन बाद 45 किमी पैदल चलकर वापस आ सका है। पैसे नहीं होने के कारण इस पूरे परिवार को दो दिन से खाना भी नसीब नहीं हो सका है। परिवार के सदस्य राजू ने बताया कि रोजाना की तरह 20 मार्च को अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ लोकल बस से चिकलोद के जंगल में पीपल की पत्तियां तोड़ने गए थे, लेकिन उसी दिन करफू लग जाने के कारण उन्हें वापस आने के लिए कोई साधन नहीं मिला। कμर्यू बढ़ गया तो वे वहां से पैदल भोपाल के लिए रवाना हुए। कुछ पैसे पास में थे, कुछ दिन का खाना मिल सका।
नादरा बस स्टैंड रैन बसेरा पर फंसे गरीब मजदूर
नादरा बस स्टैंड रैन बसेरे में 15 से 20 लोग रुके हुए हैं, वह अपने अपने गांव जाना चाहते हैं। जिला प्रशासन उनको अपने गांव तक पहुंचाने की उचित व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। बीते कई दिनों से लोग रैन बसेरा प्रभारी से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन यह व्यवस्था नहीं हो रही है।
काम बंद, खाने को पैसे नहीं, घर जाने का कोई साधन नहीं
बिहार, उत्तर प्रदेश से आकर मजदूरी करने वाले लोगों के खाने के लाले पड़ रहे हैं। कंस्ट्रक्शन बंद होने के कारण इन्हें मजदूरी मिलना बंद हो गई है। आसपास के जिलों से आने वाले मजदूर तो चले गए हैं लेकिन कुछ मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं।
गुजरात से भोपाल पैदल आए, जाना है अपने घर छतरपुर
संत हिरदाराम नगर। शनिवार को गुजरात से करीब 20 से 25 मजदूर छतरपुर जाने के लिए भोपाल के मुबारकपुर ब्रिज के नीचे आवागमन के साधन की प्रतीक्षा में बैठे रहे। मजदूरों को छतरपुर के हरवंशपुर जाना है, लेकिन आवागमन का साधन नहीं मिलने से वह परेशान हैं। कई मजदूरों ने भोजन भी नहीं किया है। ये लोग तीन दिन पहले गुजरात से निकले थे।