कोरोना से कैसे निपटें, कैसे बचाएं इकोनॉमी? रघुराम राजन ने सरकार को दिए ये सुझाव


नई दिल्ली : कोरोना के कहर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा है. हरतरफ लॉकडाउन होने से कारोबार ठप पड़ गया है. कई रेटिंग एजेंसियों ने अपने ग्रोथ अनुमान में भारी कटौती की है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने इकोनॉमी पर इसके असर को समझने और इसके बाद जरूरी कदम उठाने के लिए भारत सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं.


कोरोना से इकोनॉमी को कितना झटका लगेगा, अभी इसका अंदाजा नहीं है लेकिन यह बहुत गंभीर होगा. रघुराम राजन कहते हैं, 'अभी यह नहीं कहा जा सकता कि इसका इकोनॉमी पर कितना असर होगा. कब तक हालात नियंत्रण में आएंगे, जीडीपी का कितना नुकसान होगा और बाद में कितनी भरपाई हो पाएगी.'


उन्होंने कहा, 'जीडीपी को कितना नुकसान होगा और हम यदि राहत के कदम उठाते हैं तो इसकी कितनी भरपाई होती है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.


उन्होंने कि पहली तिमाही में ही चीन की जीडीपी को करीब 10 फीसदी का नुकसान हो चुका है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरी तिमाही में भी उसे इतना ही नुकसान हो सकता है.


फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी में अध्यापन करने वाले रघुराम राजन ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से वैश्विक सप्लाई चेन में भारी अड़चन आ सकती है. अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह सब किस दिशा में जाएगा, लेकिन यह दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है जिसके लिए सबको एकजुट होना होगा.'


रघुराम राजन ने कहा कि इकोनॉमी को बचाना तो जरूरी है, लेकिन सरकार के लिए सबसे पहली प्राथमिकता वेंटिलेटर, मास्क और डॉक्टरों के लिए प्रोटे​क्टिव इक्विपेंट खरीदने पर होना चाहिए.


उन्होंने कहा, 'हमें अपनी प्राथमिकता तय करनी होगी. हमें वेंटिलेटर, मास्क खरीदने, अपने डॉक्टरों—नर्सों के लिए प्रोटेक्टिव उपकरण खरीदने पर जोर देना होगा ताकि वे अपना काम कर सकें. इसका मतलब हर संसाधन है, चाहे वह निजी हो, सार्वज​निक, रिटायर्ड लोग हों या सेना के लोग. सबको काम पर लगा दें.'


रघुराम राजन ने कहा कि इस संकट के दौर में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण काम यह होना चाहिए कि गरीबों को एक निश्चित रकम दी जाए ताकि वे अपना भरण—पोषण कर सकें. उन्होंने कहा,'हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह अस्थायी झटका कहीं स्थायी में न बदल जाए. हमें ​ऐसे कामगारों को एक निश्चित रकम देनी होगी जिनके पास आय का और कोई साधन नहीं है.'


उन्होंने कहा, 'हमें ऐसे हालात को रोकना होगा कि कामगारों के पास नकदी, कमाई न हो, बड़े पैमाने पर छंटनी हो और प्रतिष्ठानों को बंद करना पड़े '


उन्होंने कहा कि सरकार को इन सब हालात के खत्म होने के बाद भी लोगों की आय को बनाए रखने का प्रयास करना होगा.


उन्होंने कहा, 'ज्यादातर जोखिम वाले परिवारों जैसे गरीबों, प्रवासियों के लिए अब और तब के हालात में आमदनी में कोई अंतर न आए यह देखना होगा. हमें उनको आमदनी का रास्ता देना होगा. हमें प्रतिष्ठानों को जिंदा रखना होगा. बड़े फर्मों की तरह ही छोटे फर्म अपने को किस तरह से बनाए रख पाएं, यह देखना होगा.'


गौरतलब है कि देश में कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अबतक देश में 508 लोग कोरोना के पॉजिटिव पाए गए हैं. इसमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र और केरल है. महाराष्ट्र में अब तक 101 और केरल में 95 केस सामने आए हैं. कोरोना की वजह से 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. 548 जिलों को लॉकडाउन किया गया है.


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