मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) शहर स्थिति एमआरटीबी हॉस्पिटल (MRTB Hospital) से शनिवार देर रात एक कोरोना पॅाजिटिव मरीज (Corona Positive Patient) और एक संदिग्ध मरीज भागने में सफल हो गया. दोनों मरीजों के भागने की खबर मिलते ही हॉस्पिटल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए. तत्काल यह जानकारी, जिला प्रशासन (District Administration) और पुलिस के साथ साझा की गई. फिलहाल जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) की संयुक्त टीम इन दोनों मरीज की तलाश में जुट गई हैं. अभी तक, ये दोनों मरीज अपने घर नहीं पहुंचे हैं.
हंगामे का फायदा उठा अस्पताल से फरार हुए मरीज
वहीं, इस मामले की प्रारंभिक जांच में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही नजर आई है. जांच के दौरान, पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अपने आइसोलेशन वार्ड से निकलकर करीब आधे घंटे तक अस्पताल परिसर में घूमता रहा. इसी बीच, अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों एवं उनके तिमारदारों ने व्यवस्थाओं को लेकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया. इसी हंगामें का फायदा उठाकर दोनों मरीज अस्पताल से फरार होने में सफल हो गए.
रानीपुरा का रहने वाला है कोरोना पॉजिटव मरीज
उल्लेखनीय है कि इंदौर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फेल रहा है. शहर में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 20 तक पहुंच गई है. इसमें तीन दिन पहले रानीपुरा में रहने वाले तीन युवकों के कोरोना वायरस संक्रमित होने की आशंका जताई गई थी. जिसके बाद, इन तीनों मरीजों को इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. मेडिकल टेस्ट में एक मरीज का टेस्ट पॉजिटव आया था, जबकि दूसरे का निगेटिव आया था. इन दोनों को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था.
स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक मचा हड़कंप
कोरोना पॉजिटिव मरीज के भागने की जानकारी देर रात सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिया को मिली. जिन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों को जानकारी दी. आनन-फानन दोनों मरीजों की तलाश के लिए रैपिड एक्शन टीम रवाना की गई. देर रात तक टीमें मरीज को खोजती रही. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रवीण जडिया ने बताया कि दोनों भागे मरीजों के पते पर जब टीम पहुंची तो वहां ये दोनो नहीं मिले.
विभागों में नहीं मिला सामंजस्य
दरअसल इन दिनों एमआरटीबी की कमान मेडिकल कॉलेज के हाथ में है और स्वास्थ्य विभाग वहां सिर्फ मरीजों को पहुंचा रहा है. दोनों विभागों में सामंजस्य कम होने से परेशानी हो रही है. मेडिकल कॉलेज द्वारा लिए जा रहे कई निर्णयों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ही नहीं दी जा रही है. अब यहां एमआरटीबी अस्पताल से संदिग्ध मरीजों की ओपीडी भी एमवाय और गोकुलदास अस्पताल में शिफट करने की तैयारी चल रही है