रायपुर. कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने वालों पर सख्ती भी देखी जा रही है। बिलासपुर के कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। विधायक कई दिनों से बाहर जाकर गरीबों को राशन और खाना बांट रहे थे। उन पर धारा 144 के उल्लंघन का आरोप है। रविवार को विधायक के घर पर राशन लेने वालों की भीड़ लग गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। वहीं, विधायक का कहना है कि मैंने लोगों को घर नहीं बुलाया था। वे जरूरतमंद थे, इसलिए आए थे।
उधर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव होम आइसोलेशन में हैं। वे 27 मार्च को मुंबई से लौटे थे। इसके बाद से उन्होंने सभी से मिलना-जुलना बंद कर दिया। वहीं, दिल्ली से मजदूरों के पलायन को लेकर छत्तीसगढ़ में इससे अलग हालात हैं। यहां बाहरी राज्यों से आने और जाने वालों के लिए पहले से ही विशेष व्यवस्था कर दी गई है। राज्य सरकार ऐसे लोगों के रहने और खाने का इंजताम करवा रही है। साथ ही हेल्थ चेकअप के बाद उन्हें बाहर जान की अनुमति दी जा रही है।
सीएम ने कहा- जो जहां है वहीं रहे, प्रदेश में रुका हर व्यक्ति हमारा मेहमान
राज्य सरकार ने बाहरी प्रदेशों के लोगों को चरणबद्ध तरीके से उनकी इच्छानुसार भेजने की तैयारी पहले ही कर ली थी। महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड और बिहार के मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उनके घरों तक भेजा गया। अब भी जो लाेग पैदल जा रहे हैं, पुलिस और प्रशासन उनके खाने और रहने का इंतजाम कर रहा है। इसबीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के लोग परेशान न हों। जो जहां हैं वहीं रहें। उन्होंने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ में ठहरा बाहरी राज्य का हर व्यक्ति हमारा मेहमान है। आपके खाने, रहने, दवाई की सारी व्यवस्था हम कर रहे हैं।
लखनऊ, भोपाल, सिकंदराबाद में फंसे मजदूरों ने वीडियो जारी कर गुहार लगाई
छत्तीसगढ़ के मुंगेली, बेमेतरा और अन्य जिलों के 100 से ज्यादा मजदूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फंसे हैं। इन्होंने वीडियो जारी कर सरकार से मदद की गुहार लगाई। मजदूरों का कहना है कि उनके पास राशन खत्म हो गया है। उसे खरीदने के लिए पैसे भी नहीं हैं। इसके बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने लखनऊ में इनके रहने-खाने की व्यवस्था कराई और फोन पर हालचाल जाना। इधर, भोपाल में भी कोरबा भी 4 लड़कियां फंसी हैं। ये काम के सिलसिले में 2 माह पहले गईं थीं। वहां काम बंद होने से इनके पैसे भी खत्म हो गए। इसके अलावा, कोरबा के ऐसे ही 25 मजदूर सिकंदराबाद में फंसे हैं। इन सभी ने वीडियो जारी किए हैं।