भ्र्ष्टाचार बढ़ता है तो जनता का विश्वास कमजोर हो जाता है

भ्र्ष्टाचार बढ़ता है तो जनता का विश्वास कमजोर हो जाता है वह फिर किसी पर विश्वास नही करती है । ईमानदारी से कमाया हुआ धन से कोई नही डरता जीतन भ्र्ष्टाचार में लिप्त लोगो के मन मे डर बना रहता है जनता का धन हो या टेक्स का पैसा भ्र्ष्टाचार में खर्च नही होना चाहिये यह जनता की मेहनत ईमानदारी से कमाया हुआ पैसा होता है इसे अपने सवार्थ के लिये खर्च करना भी जनता को  धोखा देना होता है जनता बैंक में भी विश्वास के साथ अपना पैसा रखती है कि जरूरत पड़ने पर वह अपने धन का सदुपयोग कर सके ऐसे ही वह टैक्स का पैसा देती है देश के विकास में यदि जनता के साथ धोखा होता है तो वह किसी पर विश्वास नही करती है ।