इंदौर : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का सालों पहले लिया एक संकल्प पूरा हो गया है. जिसके लिए उन्होंने 20 साल बाद अन्न ग्रहण किया. दरअसल, 20 साल पहले कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के मेयर निर्वाचित हुए थे. इस दौरान उन्हें एक महात्मा ने बताया कि शहर में पितृ दोष है, जिससे शहर का विकास रुका हुआ है. इसके निवारण के लिए हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करनी होगी. ऐसे में उन्होंने पितृ पर्वत पर बजरंगबली की प्रतिमा की स्थापना के बाद अन्न ग्रहण करने का संकल्प लिया.
महात्मा के कहने पर कैलाश विजयवर्गीय ने बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरू की. शुरुआत शहर की पुरानी देवधर्म टेकरी पर पूर्वजों की याद में पौधे लगाने से हुई. पिछले बीस साल में यहां करीब एक लाख पौधे लगाए गए. इसके बाद भगवान हनुमान की अष्टधातु की प्रतिमा बनवाने का काम शुरू किया गया.
ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में प्रतिमा तैयार की. जिसे इसी महीने स्थापित किया गया है. इसका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 24 फरवरी से चल रहा है, जो आज यानी कि 3 मार्च को खत्म होगा. बता दें कि हनुमान जी कि प्रतिमा 72 फीट ऊंची और 108 टन वजनी है. प्रतिमा पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
इस प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज, संत मुरारी बापू और वृंदावन से महामंडलेश्वर गुरुशरणानंदजी महाराज पहुंचे. उन्हीं के हाथों कैलाश विजयवर्गीय ने अन्न ग्रहण किया.
दो दशकों से नहीं खाया अन्न
कैलाश विजयवर्गीय दो दशकों से अन्न नहीं खा रहे थे. उन्होंने गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार समेत सभी दालों का त्याग कर दिया था. वो सिर्फ मोरधन, राजगिरा, साबूदाना, फल और सब्जियां ही खा रहे थे.