भारत के साथ सभी देशो को अब जागरूक होना पड़ेगा

 


: भारत के साथ सभी देशो को अब जागरूक होना पड़ेगा जितना अधिक हो सौर ऊर्जा का उपयोग करे पर्यावरण साफ रहेगा हरियाली को बढ़ावा देने के लिये सभी को जागरूक करे पेड़ो को बिना काटे भी विकास और निर्माण किया जा सकता है सभी देशों के लोग मिसाइल और बमो में अपनी शक्तियी पर बैन लगाए इतने लोगो की जान गई बीमारी फैली पर्यावरण धरती को नुकसान हुआ उसी का नतीजा सामने है जितना हो सके प्रकति के द्वारा  दिया गया आहार ही खाए धूल के कण हवा में है इस के
कारण भी कोरोना वायरस फेल रहा है ।  अब समय है धरती को बचाना मानवता की रक्षा करने का ज्यादा उधोग खोलने से पर्यावरण में धुंआ प्रदूषण केमिकल रसायन जो हवा में घुलनशील होता है यह भी वायरस है इससे जितना बचा जा सके बचना चाहिये प्रकति के अनुरूप ही वस्त्र  पैरो में पहनने चाहिए प्राणी पक्षी जीव यह जितने अधिक होंगे पर्यावरण उतना ही स्वच्छ रहेगा यही है जो…


 सरकार स्मार्टसिटी नही हरियाली की सिटी बनाए जनता को जरूरत नही है इसकी वह स्वच्छ फूलो पेड़ो की हवा में सांस लेना चाहती है गाँव मे प्रदूषण नही फैलाए सरकार विकास के नाम पर सिर्फ गाँव मे अच्छे कॉलेज स्कूल अस्पताल पुल सड़के हो लेकिन सड़को के किनारे पेड़ होने से प्रदूषण नही फैलता है।


 नदियों में फैक्टरी से निकलने वाला केमिकल पर रोक लगे समुद्र को स्वच्छ जितनी भी पवित्र नदियों को साफ रखा जाए उसका जल गंदी जगह पर नही बहे वह सिर्फ नदियों का जल पीने के लिये हो नदियों में नहा सकते है लेकिन उसका पानी गलत जगह उपयोग नही किया जाए मासाहार में सीवेज  गंगा है यमुना नर्मदा पवित्र नदी दूषित हो रही है किसी देवी को कीचड़ में डालोगे तो इसका परिणाम विपरीत होंगे सिर्फ पीने के लिये होता है भगवान की मूर्ति को स्नान के लिये नदियों को गन्दा करने के लिये नही यह नादिया देवी है इसी तरह प्रकति भी देवी मनुष्य को इज्जत सम्मान करना चाहिए अपमान नही अपने सवार्थ के लिये प्रहार नही ।


 दिल्ली यमुना नदी आज़ादी के बाद से अभी तक प्रदूषित है गंगा अभी साफ है बहुत साफ होना बाकी है सभी जगह की सबसे ज्यादा साफ नर्मदा नदी है।


 सकरात्मक सोच रखने से हर बीमारी का समाधान होगा भारत समेत सभी देश सकरात्मक विचार रखने से हर बड़ी बीमारी का हल हो सकता है ।  चाहे कितनी बड़ी बीमारी हो जीने की चाह सभी की होती है इसके लिए हर फील्ड के डॉक्टर हो वैज्ञानिक सभी को अपनी योग्यता को साबित करने और रिसर्च करने का जब विपरीत परिस्थितियों है अभी समय है अपने ज्ञान को मानवता के कल्याण के लिये समय देने का सभी का जीवन की बहुत कीमत होती है।
अब समय है बदलाव पर्यावरण  को साफ रखने का ग्लोबल वार्मिंग  के कारण जो नुकसान  मानव का हो रहा है अब उसे जीवन देने का  सभी देशों को प्रकति के अनुरूप  ढलना चाहिए उसके अनुरूप काम करे  सौर ऊर्जा से काम।करे  धरती भी स्वच्छ रहेगी मनुष्य प्रकति भी मनुष्य भी जिए प्राणी पक्षी सभी को जीने दे प्रकति को चेन से रहने दे पृथ्वी को स्वच्छ रखे तभी हर बीमारी दूर होगी


 मानव को खुद प्रकति और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना है ।
अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाना है।
भाग दौड़ भरी जिंदगी में हफ्ते में एक दिन अवकाश लाना है
खाना ऐसा खाओ जो प्रकति के अनुकूल हो ।
समय नियम से चलो हर बीमारी दूर हो।
मनाव ही वायरस लाया है ।
इसी का परिणाम नजर आया है।
सब भी कुछ नही बिगड़ा है भय के सारे बादल फिर छटा दो।
उठो फिर से हर सुबह की।मुसकान लिए
उन पक्षियों से सीखो कर्म की उड़ान की ओर।
फिर उठो चलो मुस्कान के साथ एक नई उड़ान की ओर।
भारत की जनता कमजोर नही ।
हर तूफान से लड़ जाती है।
फिर तो यह एक बीमारी है ।
यह चुटकी में दूर हो जाती है।


: जब कुछ नहीं तब कोई बीमारी नही थी सब संतुष्ट रहकर जीवन जीते थे आपस मे सभी लोग प्रेम से रहते थे गरीब गाँव मे सुकून से रहता था फिर कमाई का नशा ऐसा छाया गरीब किसान को भी गाँव रास नही आया अपनी कीमती जमीन मिट्टी मोल बेचकर कमाई करने शहर आया फिर अपनी जिंदगी भूल गया शुद्ध हवा जो गाँवो में बहती है वह नही मिलती शहरों में भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य ने क्या खोया क्या पाया एक बीमारी के डर ने सब कुछ बेखर दिया समय से पहले सँभल  जाती सरकार हर मेडिसन हो जाती तैयार ।


 सभी देशों में आगे बढ़ने की हौड़ मची थी एक दूसरे को दुश्मन मानकर प्रहार किए जा रहे थे आज स्थिति यह है बड़े बड़े देश की शक्ति कुदरत के प्रहार से डरी हुई है नही छेड़ा होता प्रकति पर प्रहार नही की होती धरती को फाड़ आज क्या मिला किसी देश को अपने ही लोगो की जान से खिलवाड़ समझा होता कुदरत का संकेत वह बार बार करती थी सभी देश को सचेत आँख बंद कर कर रहे थे प्रहार देख लिया नतीजा सामने है सबकी है जान काश समय से पहले सँभल जाते तो नहीं देनी पड़ती इतनो की जान अभी भी समय है सँभल जाओ ऐसा ना हो फिर एक नई बीमारी से डर जाओ।