अब घर के करीब होगा मेट्रो स्टेशन और मार्केट

भोपाल ।  मेट्रो ट्रेन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने मास्टर प्लान में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) के साथ ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) को शामिल किया है। हालांकि टीओडी मेट्रो प्रोजेक्ट में पहले ही शामिल है, लेकिन अब इसे मास्टर प्लान में भी जगह मिलेगी। टीडीआर मास्टर प्लान में शामिल होने से मेट्रो सिटीज की तर्ज पर μलोर एरिया रेशियो (एफएआर) बेचा जा सकेगा। टीएंडसीपी ने मास्टर प्लान में स्मार्ट सिटी और मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट को ध्यान में रखते हुए कई बड़े बदलाव किए हैं। मेट्रो की डीपीआर में जर्मन कंपनी ने टीओडी को शामिल किया है, जो वर्टिकल डेवलपमेंट का कंसेप्ट है। टीओडी: इसके तहत एक ही स्थान पर रेसिडेंशियल, कॉमर्शियल, मेट्रो स्टेशन, स्कूल, आॅफिस, अस्पताल, पार्क, बस स्टैंड सब कुछ होगा। यहां रेसिडेंशियल बिल्डिंग बनाने के लिए हाइराइज बिल्डिंग को चार गुना एफएआर मिलेगा। ऐसे में लोगों की पहुंच से न तो मार्केट दूर होगा और न ही स्टेशन।


टीडीआर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मास्टर प्लान में टीडीआर को शामिल करने की तैयारी है। इसका फायदा ये होगा कि एक स्थान पर मिलने वाले एफएआर को दूसरे स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकेगा और बेचा भी जा सकेगा। यदि आपके पास दो प्लॉट हैं। एक का एफएआर कम और दूसरे का ज्यादा है, तो ज्यादा एफएआर वाले प्लॉट के एफएआर का इस्तेमाल कम एफएआर वाले प्लॉट पर कर सकेंगे। 


टीओडी: इसके तहत एक ही स्थान पर रेसिडेंशियल, कॉमर्शियल, मेट्रो स्टेशन, स्कूल, आॅफिस, अस्पताल, पार्क, बस स्टैंड सब कुछ होगा। यहां रेसिडेंशियल बिल्डिंग बनाने के लिए हाइराइज बिल्डिंग को चार गुना एफएआर मिलेगा। ऐसे में लोगों की पहुंच से न तो मार्केट दूर होगा और न ही स्टेशन। टीडीआर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मास्टर प्लान में टीडीआर को शामिल करने की तैयारी है। इसका फायदा ये होगा कि एक स्थान पर मिलने वाले एफएआर को दूसरे स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकेगा और बेचा भी जा सकेगा। यदि आपके पास दो प्लॉट हैं। एक का एफएआर कम और दूसरे का ज्यादा है, तो ज्यादा एफएआर वाले प्लॉट के एफएआर का इस्तेमाल कम एफएआर वाले प्लॉट पर कर सकेंग विकास की बेहतर प्लानिंग मास्टर प्लान 2031 में शहर के विकास के लिए बेहतर प्लानिंग की गई है। मेट्रो, स्मार्ट सिटी सहित शहर के समुचित विकास का


ध्यान रखा गया है। सुनीता सिंह, संयुक्त संचालक, डीएंडसीपी