विनायक चतुर्थी, इस तरह पूजन करके पाए गणपति का आशीर्वाद

हर महीने में अमावस्या के बाद आने वाली शुक्लपक्ष की तिथि विनायक चतुर्थी तथा पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की तिथि संकष्टी चतुर्थी कहलाती है. इन तिथियों पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करके बड़े से बड़े संकट को टाला जा सकता है. भगवान गणेश की कृपा से कुछ विशेष उपायों द्वारा बच्चे अपनी गलत आदत बहुत जल्द छोड़कर सही रास्ते पर आ जाते हैं. इस बार की विनायक चतुर्थी 27 फरवरी को यानी आज है.


इस तरह करें विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा


- सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य भगवान को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें.
- भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं.
- उन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करें तथा ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का 27 बार जाप करें तथा धूप दीप अर्पण करें.
- दोपहर पूजन के समय अपने घर मे अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें.
- संकल्प के बाद पूजन करके श्री गणेश की आरती करें तथा मोदक बच्चों के बाट दें.


रुके हुए धन प्राप्ति के लिए पूजा
- गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनकर गणेशजी की पूजा करें
- भगवान गणेश को दूर्वा को बांधकर माला बनाकर अर्पित करें
- साथ ही उन्हें शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं फिर "वक्रतुण्डाय हुं" मन्त्र का 54 बार जाप करें
- धन लाभ की प्रार्थना करें थोड़ी देर बाद घी और गुड़ गाय को खिला दें या किसी निर्धन व्यक्ति को दें धन की समस्याएं दूर हो जाएंगी
- ऐसा लगातार पांच विनायक चतुर्थी पर करें आपको आपका रुका हुआ धन जरूर मिलेगा


बाधा और संकटो के नाश के लिए उपाय
-सुबह के समय पीले वस्त्र धारण करके भगवान गणेश के समक्ष बैठें उनके सामने घी का चौमुखी दीपक जलाएं
- अपनी उम्र के बराबर लड्डू रखें फिर एक एक करके सारे लड्डू चढ़ाएं और हर लड्डू के साथ "गं" मन्त्र जपते रहें
- इसके बाद बाधा दूर करने की प्रार्थना करें और एक लड्डू स्वयं खा लें और बाकी लडडू बांट दें.
-भगवान सूर्यनारायण के सूर्याष्टक का गणेश जी के सामने 3 बार पाठ करें.
विनायक चतुर्थी पर मिलेगा बच्चों को बुद्धि का वरदान
- भगवान गणपति बुद्धि और समझदारी के देवता हैं,. इनकी पूजा उपासना करके कोई भी अत्यंत तीव्र बुद्धि और विद्या की प्राप्ति कर सकता है.
- भगवान गणपति को 5 मोदक और 5 लाल गुलाब के फूल तथा पांच हरी दूर्वा की पत्तियां अर्पण करें.
- एक गाय के घी का दीपक जलायें और ॐ बुद्धिप्रदाये नमः मन्त्र का 108 बार जप करें.
- एक मोदक प्रसाद के रूप में घर लाएं और बच्चों को खिलाएं तथा बाकी मोदक छोटे बच्चों में बांट दें.



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