सुप्रीम कोर्ट के जज आरक्षण को मौलिक अधिकार नही मानते तो किसी भी पार्टीयो के नेताओ को कोर्ट के विरुद्ध जाकर संविधान का मजाक बनाया जा रहा है कानून का मतलब क्या वोट बैंक की राजनीति करते है सभी नेता गलत फैसलों से हमेशा नुकसान होता है सामान्य वर्ग के साथ हमेशा भेद भाव किया इन।पार्टियों के नेताओ ने आरक्षण 10 साल के लिये था फिर भी बढ़ा दिया गया यदि कोर्ट के जज आरक्षण को गलत मानते है मेहनत से कर्म करो जज भी योग्यता और मेहनत से आगे बढ़ते है आरक्षण से नही फिर पढ़े लिखे नेता जब गलत बात बोलते है तो संदेह उन पर होता है कि सफलता कैसे हासिल करके राजनीति में आए ज्ञान इनका भी अधूरा है इसलिये योग्यता प्राप्त युवा बेरोजगार है ।
सुप्रीम कोर्ट के जज आरक्षण को मौलिक अधिकार
• Patrakar Sudhir Mishra