सभी देश विकास करते गए प्रकति और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया जंगलो से हर प्राणी विलुप्त हुए रसायन केमिकल परमाणु बम बनाए अपनी अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करते गए लेकिन जव पूरे विश्व मे बीमारी फैलती है तो उसका नतीजा सामने होता है इसका असर वहां की जनता पर पड़ता है जितनी ताकत परमाणु बम बनाने में लगाई उतनी अगर आगे का भविष्य देखा होता तो इतनी नई बीमारियो से जाने नही जाती मनुष्य की जिंदगी की कोई कीमत नही इतना आसान है सभी बीमारियो का इलाज होता है चाहे वह कितनी भी गंभीर क्यो ना हो लेकिन उसके लिये भी रिसर्च की जाती है सभी देशों को समझना होगा कि प्रकति में जीवन जीते है मनुष्य के शरीर को जो प्रकति से बना है उसके अनुरूप ढलना पड़ता है किसी भी जीव प्राणी को खाने से संक्रमण शरीर के अंदर पहुँचता है जो विष के समान पूरे शरीर फेल जाता है इससे मनुष्य को सांस लेने में परेशानी होती है जितना केमिकल रासायनिक पदार्थो का उपयोग हुआ वह भी शरीर मे फैला यदि समय से पहले समझ लिया होता तो आज कोई बीमारी नही होती किसी भी बीमारी का संक्रमण में प्रकति से ही इलाज छिपा होता है क्योंकि शरीर 5 तत्वों से बना है भारत मे ऋषियों ने औषधि प्रकति से निर्मित खाने के लिये खोज की थी जो गंभीर बीमारियों को थी ठीक कर सकती थी भारत मे रिसर्च सबसे पहले बीमारियो पर की जाती थी इसलिये भारत मे ही अलग अलग मेडिसन तैयार करके बीमारी को दूर किया जाता है उसे पूरी तरह खोज करके लेकिन अन्य देशों में नही होता है ऐसी औषधि होती है जो शरीर के सक्रमण को निकालकर मनुष्य को स्वस्थ कर देती है बीमारी को जड़ से खत्म लेकिन समय रहते हुए सभी देशों ने पर्यावरण प्रकति को नही बचाया तो आने वाला समय गम्भीर परिणाम मिल सकते है यह भविष्य युवा पीढ़ी का हैइनकी रक्षा करना सभी की जिम्मेदारी बनती है ।
सभी देश विकास करते गए प्रकति और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया