महान संत थे जो अपने शिष्यों को ज्ञान का संदेश देते थे एक वट के पेड़ के नीचे उनके हजारो शिष्य थे सब उनके ज्ञान को धयान से सुनते कुछ शिष्य उठकर चले जाते तब एक शिष्य ने पूछा कि गुरुजी यह और शिष्य आपके ज्ञान को नही सुनते उठाकर चले जाते है तब वह सन्त बोले मेरा ध्यान तो ईश्वर में था में तो ज्ञान दे रहा था लेकिन तुम्हारा ध्यान ज्ञान अर्जित करने में सुनने में नही था कोन जा रहा है इसमें था जब ज्ञान में एकाग्रता नही रहती तो ज्ञान अर्जित नही होता है कहने वाला और सुनने वाला जब तक किसी ज्ञान को जीवन मे नही उतारता ध्यान उसका दुसरो में लगा रहता है तो भगवान की कृपा भी नही मिलती कहने वाले को सिर्फ ज्ञान पर ध्यान देना ही एकाग्रता ईश्वर के प्रति समर्पित भाव रहता है ।
<no title>महान संत थे जो अपने शिष्यों को ज्ञान का संदेश देते थे
• Patrakar Sudhir Mishra