नेता बड़े बड़े भाषण देते है लेकिन अपनी अपनी कमियों को नही देखते है एक दुसरे ओर आरोप प्रत्यारोप में जनता की जान जाती है किस भाई चारे की बात करते है दंगा करने वाले हिन्दू को मार देते है तब कहा जाता है इनका भाई चारा जो नेता राजनीति कर रहे है यह इतना तूफान कहा से उठा भड़काऊ भाषण जो चुनाव के पहले प्रदर्शन करने वालो के साथ खड़े थे जब ऐसे दंगे करने वाले अपने ही लोगो को मार देते है तो यह देश का क्या हाल करेगे अब इनकी तालीम कहा गई यही शिक्षा दी जाती है बेगुनाह को मारो तब सब कहा जाते है सारे नेता तब धर्म कहा गया भाई चारे की भावना कहा गई अपनी अपनी कमियों को देखना चाहिये कमी सभी नेताओं में मिलेगी हिंसा तो पहले से ही हो रही है भारत का भविष्य देखे एक दूसरे पर आरोप लगाने से पहले तभी शांति रह सकती है जो प्रशासन को नही मानते वह क्या भारत का भला करेगे गलती सभी नेताओं की रही है वाणी में लगाम किसी का नही सब एक जैसा बोलते है चुनाव के समय जब मुख्यमंत्री बन जाते है तब जनता की सुरक्षा की कोई परवाह नही जिम्मेदारी नही निभाते आँख बंद कर लेते है ।
नेता बड़े बड़े भाषण देते है लेकिन अपनी अपनी कमियों को नही देखते है
• Patrakar Sudhir Mishra