इंदौर. मप्र के मंत्री सज्जन वर्मा ने प्रियंका गांधी वाड्रा को मप्र से राज्यसभा में भेजने की बात कही है। उनका कहना है कि इंदिरा गांधी ने कमलनाथ की उंगली पकड़ कर छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़वाया था। अब वक्त आ गया है, प्रियंका को लाकर वो कर्ज उतारा जाए। प्रिंयका में इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। प्रियंका के आने से प्रदेश में कांग्रेस और मजबूत होगी।
देश मोदी और शाह की साजिश का शिकार
वर्मा ने दिल्ली हिंसा पर कहा - देश नरेंद्र मोदी और अमित शाह की साजिश का शिकार हो चुका है। इस कानून को लाने का उद्देश्य ही यह था कि एक बार फिर इस देश का बंटवारा जाति और धर्म के आधार पर करवाया जाए। लंबे समय से शाहिन बाग और अन्य जगहों पर इस कानून का विरोध हो रहा है। कोई ईमानदार गृहमंत्री होता तो उनके बीच में जाकर उन्हें समझाता। हिंदू और मुस्लिम की बात करते-करते यह देश 50 साल पीछे चला जाएगा। दिल्ली को आग में झोंक दिया, हत्या का मुकदमा नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर चलना चाहिए।
डर के मारे सोनिया का नाम हटाया
वर्मा ने कहा कि इस देश को तानाशाहों ने घेर लिया है। सोनिया गांधी का नाम इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि नेहरू के समय अमेरिका और भारत के संबंध अच्छे रहे हैं। इन्हें लगा कि यदि ट्रंप से सोनिया की मुलाकात हुई तो फिर से वे उन पर कोई प्रभाव ना छोड़ दें। इसी डर से उनका नाम हटा दिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष बदलने की जरूरत
विधायक लक्ष्मण सिंह के बयान पर सहमति जताते हुए मंत्री वर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं तक पहुंचने के लिए एक नए अध्यक्ष की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। हाईकमान से गुजारिश करता हूं कि इस पर जल्द निर्णय लें और ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी दें, जो सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाकर चले।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अभी बच्चे हैं
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कहा कि शर्मा अभी बच्चे हैं। मालवा में उन्हें कोई जानता ही नहीं। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं का हाैंसला बढ़ाने के लिए कहते रहते हैं कि सरकार अभी गिरा देंगे। कोई भी आ जाए सरकार नहीं गिरने वाली।
कमलनाथ ने सिंधिया को समझा दिया है
सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार पर जनता का विश्वास बना हुआ है। सिंधिया को कमलनाथ ने समझा दिया है कि पांच साल में वचन पत्र का एक-एक वादा पूरा किया जाएगा। सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलाे, कई काम आपके हाथ से ही करवाएंगे, जिससे कांग्रेस पर जनता विश्वास और बढ़े।