हर जीव प्राणी ईश्वर का अंश है उसे इस तरह से अत्याचार करना ईश्वर को नही पसंद फिर कर्म जैसे उस प्राणियो को मारा जाता है तब मनुष्य जब उस पर संकट आता है तो भगवान की याद आती है लेकिन ईश्वर तो हर प्राणी जीव से प्यार करते है तब ईश्वर बोलते है तुम्हे दया इन जीव प्राणी को मारते हुए नही आई तो अब जब मनुष्य बीमारी से ग्रस्त है तो वह क्यो मदद करेंगे जीवो को मारने से बीमारी नही आती है इनको खाने से इसके वायरस फैलते है जितना प्राणियो को मारने के लिये करते है उतना प्रयास इनको बचाने के लिये किया जाता तो शायद ईश्वर को दया आती मनुष्य पर इन्हें मिट्टी के अंदर डालने से अच्छा था जंगल मे छोड़कर आ जाते जब प्रकति के प्राणियो को कष्ट होता है तब वह अपना रौद्र रूप दिखाती है।
हर जीव प्राणी ईश्वर का अंश है उसे इस तरह से अत्याचार करना