एक बार महाभारत के समय हस्तिनापुर में कौरवों ने पांडवो के

एक बार महाभारत के समय हस्तिनापुर में कौरवों ने पांडवो के साथ छल किया पांडव ने राज्य जीता था उस राज्य पर कौरवो की नजर पड़ी तब दुर्योधन ने लालच में उस राज्य को हड़पने का लिए छल किया पांडवो के साथ उस राज्य पर कौरवो ने कब्जा कर लिया दुखी होकर पांडव कृष्ण के पास गए तब कृष्ण ने उनसे कहा जिस तरह पांडवो ने छल कपट किया उसी तरह उसका जवाब उनके कर्म के अनुसार मिलेगा तब पांडवो ने वही किया जो कौरवो ने किया  था राज्य जीत कर भी पांडव के हाथ से राज्य छीन गया था तब पांडव ने अपना अधिकार प्राप्त करने के लिये उन्ही की भाषा में जवाब दिया और खोया हुआ राज्य प्राप्त किया कर्म कैसे भी करो यह भी देखना चाहिये कि वह कर्म सही है या गलत ईश्वर सभी पर नजर रखते है चाहे वह अच्छा हो या बुरा कौरवो ने जमीन का एक टुकड़ा भी नही दिया था कपट किया इसलिये सब पाकर भी हार गए लेकिन पांडव हार कर भी जीत गए क्योकि धर्म खड़ा था ।