राजधानी के यादगारे शाहजहांनी पार्क में अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर 74 दिन से धरना दे रहे अतिथि विद्वानों को उच्च शिक्षा विभाग ने एक और झटका दिया है। अतिथि विद्वानों को चॉइस फिलिंग का मौका दिया गया था, उन्होंने चॉइस फिलिंग भी की थी, लेकिन आंदोलन के चलते संबंधित कॉलेज में ज्वाइन नहीं किया। ऐसे अतिथियों को दोबारा चॉइस फिलिंग का मौका नहीं दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों को लेकर गाइड लाइन जारी की है। ऐसे अतिथि विद्वान जिन्हें चॉइस फिलिंग के बाद कॉलेज में पढ़ाने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने उपस्थित नहीं दी, उन्हें दोबारा चॉइस भरने का मौका नहीं दिया जाएगा। मेरिट के आधार पर 594 अतिथि विद्वानों को कॉलेजों का आवंटन किया गया। बताया जाता है कि विभाग द्वारा मेरिट के आधार पर 594 अतिथि विद्वानों को कॉलेजों का आवंटन किया गया है, लेकिन पदों की संख्या को देखते हुए गाइड लाइन जारी की गई है। विभाग ने पाया कि कुछ अतिथि विद्वान ऐसे हैं, जिन्होंने योग्यता के अनुसार कैटेगिरी चयन में त्रुटि की है। इससे अभिलेखों का सत्यापन नहीं हुआ है। लेकिन उन्हें प्रोफाइल अपटेड करने का मौका दिया जाएगा। चॉइस फिलिंग के बाद आवंटित कॉलेज में स्थान भरा हुआ है या स्थान भरा होने से कॉलेज से आमंत्रण नहीं मिला है, ऐसे विद्वानों को दूसरी बार चॉइस फिलिंग का अवसर दिया जाएगा।
मुंडन के बाद केश राहुल गांधी व कमलनाथ को भेजने की तैयारी
इधर, धरने पर बैठी छिंदवाड़ा की एक मुस्लिम महिला अतिथि विद्वान डॉ. शाहीन खान ने बुधवार को मुंडन करा लिया। बाल, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजने की तैयारी की जा रही है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ. सुरजीत भदौरिया के अनुसार सरकार की बेरुखी से तंग आकर एक महिला को श्रृंगार के प्रतीक अपने केशों तक
का त्याग करना पड़ा है।