मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि हम तनाव और टकराव के चलते बदलाव नहीं ला सकते इसलिए हमें अपने सोच में बदलाव लाना होगा। सीएम ने कहा कि जंगल सुरक्षित रहे लेकिन संतुलन भी बना रहे। आदिवासियों के साथ टकराव की स्थिति न बने। शनिवार को प्रशासन अकादमी में वानिकी सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए सीएम नाथ ने कहा आपको नई सोच के साथ योजना बनानी है क्योंकि आपके ऊपर नई पीढ़ी की जिम्मेदारी है। मेरे लिए कोई नोटिफिकेशन गीता और बाइबल नहीं बल्कि आज की परिस्थितियां देखकर हमें काम करना है। किस नजरिये से भविष्य में वनों के लिए काम करना है। यह अधिकारियों को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा नान केमिकल फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री बनाने के लिए भी ध्यान दिया जाए क्योंकि हमारे वनों में जड़ी बूटियों की प्रचुरता है। इसके लिए योजना तैयार की जाए। सीएम ने कहा कि वन विभाग सोचता है कि हमारी दुनिया औरों की दुनिया से अलग है। ऐसा नहीं है, सबकी दुनिया एक है। उन्होंने आईएएस अफसरों का जिक्र किए बिना आईएफएस अफसरों से कहा कि काम के दौरान टकराव की स्थिति कहीं नहीं बने, यह देखकर काम करना है।
लोग कहते थे फॉरेस्ट एक्ट लागू नहीं हो पाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीस साल से वन विभाग से मेरा नाता रहा है। मेरी हमेशा इसमें रुचि रही है। जब 1980 में फारेस्ट एक्ट बना तो कहा जा रहा था कि यह एक्ट नहीं बन पाएगा। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का सपना था कि यह एक्ट बने। एक्ट बनाने और नियमों को लागू करने का विरोध काफी हुआ था। कई आईएएस अफसरों ने इसका विरोध भी किया था। आज परिस्थितियों में काफी बदलाव हो गए हैं।
प्रदेश को टाइगर स्टेट बनाए रखना अफसरों की जिम्मेदारी: मंत्री सिंघार
वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि राज्यों के अंदर बाघ बढ़ें। एमपी को टाइगर स्टेट बनाए रखना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। चूंकि टाइगर की संख्या बढ़ रही है, इसलिए नई सेंचुरी की भी आवश्यकता है। कार्बन डेटिंग को लेकर भी काम करना है। विभाग का विजन, वित्तीय पावर और जिलास्तर पर तबादले का अधिकार दिए जाने को लेकर भी मंत्री ने अधिकारियों का पक्ष रखा और कहा कि अफसर चाहते हैं कि सीसीएफ और डीएफओ को वित्तीय पावर मिले। सिंघार ने कहा कि हम आदिवासी और किसानों को जोड़ने के लिए क्लस्टर बना रहे हैं।
राम मंदिर ट्रस्ट प्रमुख नृत्यगोपाल दास बोले कमलनाथ को बुलाऊंगा
ग्वालियर। राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि वह भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भी कोई भी सरकारी दान या चंदा नहीं लिया जाएगा। ग्वालियर में ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर निर्माण में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को
अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा।