छत्तीसगढ़ में अब खनिज फंड से दौड़ेगी गृहस्थी की गाड़ी, सुधरेगी महिलाओं की मालीहालत

इस राशि का न्यूनतम 50 फीसद प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों पर और बाकी राशि अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावितों पर खर्च की जाएगी।



 


रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में अब खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) का उपयोग खनिज प्रभावित क्षेत्र गरीबी से लड़ने में भी किया जाएगा। प्रभावित क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों की गृहस्थी में भी फंड का उपयोग हो सकेगा। सरकार ने तय किया है कि प्रभावितों के मकान बनाने, बच्चों और महिलाओं के लिए वस्त्र खरीदने से लेकर उनकी घरेलू उपयोग की सामग्री की खरीद में भी डीएमएफ का उपयोग किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए अधिकतम सीमा पांच फीसद राशि तय की है। राज्य को इस मद में करीब तीन हजार करोड़ रपये की धनराशि सालाना मिलती है।


सरकार ने किए डीएमएफ के नियमों में बदलाव


राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से डीएमएफ के नियमों में लगातार बदलाव किया जा रहा है। सरकार इस राशि का अधिकतम उपयोग प्रभावित क्षेत्र और वहां के लोगों के विकास के लिए करना चाह रही है। खनिज प्रधान राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को डीएमएफ के रूप में बड़ी राशि प्राप्त होती है। विपक्ष में रहते और सत्ता में आने के बाद भी फंड का दुपयोग करने का आरोप कांग्रेस लगाती रही है। सरकार ने डीएमएफ को लेकर नियमों में कई बड़े बदलाव पहले ही कर दिए हैं।