भारत शांति का देश है हिंसा के लिये कोई जगह नही है यदि भारत को अपना मानते है

भारत शांति का देश है हिंसा के लिये कोई जगह नही है यदि भारत को अपना मानते है तो शांति का माहौल बनाना चाहिये यह सभी मुस्लिमो को विचार करना होगा बेहुनाहो को हिंसा का शिकार नही बनाए नागरिकता किसी की नही छीनी जा रही है इस विश्वास के साथ शांति से रहे भारत मे सभी धर्म के लोगो का सम्मान होता है हिंसा के लिये कोई जगह नही है अपने भाषणों में ऐसा कुछ नही बोलना चाहिए नेताओ को जिससे भारत का माहौल खराब हो देश शांति से चलता है यह सभी पार्टियों के नेताओ को समझ जाना चाहिये जो भाषण दिया आज उसका नतीजा सामने है इसकी शुरुआत जेएनयू से होकर शाहीनबाग तक पहुँची फिर हिंसा तक यदि उस समय सभी नेता समझ जाते तो इतने लोगो की जान नही जाती गलती सभी नेताओं की रही है अपनी गलतियों की समीक्षा करनी चाहिये भारत का भविष्य सभी नेताओ के हाथ होता है समझदारी से काम किया होता तो आज यह हालत नही होते चाहे मुस्लिम नेता क्यो ना हो यदि कोई गलत फहमी थी तो भाषण देकर नही आपस मे बात करके सुलझाया होता गलत भाषणों से इतनी हिंसा नही फैलती जो आज दिल्ली के हालात हुए इतनी जाने गई उनके जिम्मेदार सभी लोग रहे है एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने से अच्छा था शांति से बात करते चुनाव के समय धर्म को टारगेट नही किया होता इतनी हिंसा नही होती यह देश सभी का है मदरसों में सही तालीम देना चाहिये गलत तालीम नही यह युवाओ के भविष्य का सवाल होता है ईश्वर एक है चाहे वह खुदा हो कर्म जाते है मनुष्य के धर्म नही जैसा कर्म करोगेवैसा आने वाला फल मिलेगा ईश्वर से डरके रहना चाहिये ऐसा कोई काम नही करना चाहिये यहां तो माफ किया जा सकता है लेकिन ऊपर वाले कि अदालत में सबका हिसाब बराबर होता है वहां धर्म नही कर्म जाता है। इबादत करना है तो सही करो गलत नही यही धर्म है अच्छाई और बुराई किस मार्ग पर चलना है वह मनुष्य तय करता है आपस मे भाई कहकर पीछे पीठ वार नही किया जाता यही अधर्म है ।