नगरीय निकाय चुनाव से पहले एक बार फिर एमपी में नेताओं के दल बदलने का दौर शुरु हो गया है। अब बीजेपी के दो दिग्गज नेता कांग्रेस का दामन थामने की तैयारी में है। खबर है कि इंदौर से भाजपा के दो पूर्व पार्षद शंकर यादव और उस्मान पटेल कांग्रेस में शामिल होंगे।निकाय चुनाव से पहले ये बीजेपी को बड़ा झटका माना जा रहा है।वही बीते दिनों सीएए के विरोध में एक के बाद एक नेताओं के इस्तीफा देने वाले नेताओं की भी कांग्रेस में जाने की चर्चाएं जोरों पर है। अगर ऐसा होता है कि आने वाले दिनों में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।हैरानी की बात ये है कि ये सारा घटनाक्रम तब घट रहा है जब वीडी को संगठन की जिम्मेदारी मिली है ।
बताया जा रहा है कि यादव पार्टी से नाराज चल रहे है इसलिए कांग्रेस की तरफ रुख करने जा रहे है। यादव के कांग्रेस में जाने की खबर से ही बीजेपी में हड़कंप मच गया है। हालांकि यादव को मनाने के लिए दो दिन से भाजपा नेता लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन यादव उनसे नहीं मिले। शुक्रवार पूर्व मेयर मालिनी गौड़ ने भी उनसे चर्चा की और फैसला बदलने को कहा लेकिन यादव को मनाने में नाकाम रहीं।सूत्रों की मानें तो छह माह पहले यादव ने पार्टी के प्रति नाराजगी जता दी थी।इसकी वजह थी कुख्यात गुंडे गुल्टू हत्याकांड , जिसमें उनके भाइयाें काे जेल हाे चुकी है। यादव चाहते थे कि भाजपा नेताओं की तरफ से उन्हें मदद मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वही 40 वर्षों से भाजपा में रहने के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व पार्षद उस्मान पटेल शुक्रवार का कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे है। मुख्यमंत्री कमल नाथ की मौजूदगी में वे समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे। पटेल ने बताया कि उन्होंने सीएए के विरोध में भाजपा पार्टी छोड़ी थी। कांग्रेस पार्टी भी इस कानून के समर्थन में नहीं है, इसलिए मैंनै कांग्रेस को राजनीति के लिए चुना है। जब उनसे पूछा गया कि यदि कांग्रेस नगर निगम चुनाव में टिकट देगी तो क्या वे चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि चुनाव ही अभी तय नहीं हैं। पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे स्वीकारेंगे।इधर, पूर्व पार्षद उस्मान पटेल के कांग्रेस में जाने के पीछे सीएए का विराेध ही प्रमुख वजह है। भाजपा संगठन भी यह बात जानता है, इसलिए उन्हें राेकने के लिए पार्टी ने काेई प्रयास नहीं किया।