अनुच्छेद-370 / यूरोपीय देशों के 25 प्रतिनिधिमंडल आज दो दिनों के दौरे पर कश्मीर जाएंगे, घाटी के मौजूदा हालात का जायजा लेंगे

श्रीनगर. यूरोपीय देशों के 25 प्रतिनिधिमंडल बुधवार को दो दिनों के दौरे पर जम्मू-कश्मीर जाएंगे। इस दौरान वे घाटी के मौजूदा हालात का जायजा लेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, इस बार डेलिगेशन में यूरोपियन यूनियन और खाड़ी देशों के राजनयिक शामिल रहेंगे। पिछले महीने ही अमेरिकी राजदूत के नेतृत्व में 15 सदस्यीय डेलिगेशन ने कश्मीर का दौरा किया था।


राजनयिकों को कश्मीर का दौरा क्यों करा रही सरकार?
पिछले दौरे में यूरोपियन प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर दौरे पर जाने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वह ‘गाइडेड टूर’ के पक्ष में नहीं हैं और बाद में वहां जाएंगे। इसके चलते पिछले दौरे में अमेरिकी राजदूत कैनेथ जस्टर समेत बांग्लादेश, वियतनाम, नॉर्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरक्को, नाइजीरिया और अन्य देशों के राजनयिक कश्मीर गए थे। ईयू के राजनयिकों ने कहा था कि वे अपनी मर्जी से चुने गए नेताओं से मिलना चाहते थे। इसलिए वे बाद में कश्मीर जाएंगे।


कश्मीर में पीडीपी नेताओं से मिला था पिछला प्रतिनिधिमंडल


पिछले महीने दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर विदेशी प्रतिनिधिमंडल को 15 कॉर्प्स हेडक्वार्टर ले जाया गया। यहां राजनयिकों ने सेना के अधिकारियों ने कश्मीर के हालात के बारे में जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों के अलावा दल ने वरिष्ठ राजनीतिज्ञ अल्ताफ बुखारी से भी मुलाकात की थी। इस दौरान, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के 8 नेताओं ने भी राजनयिकों से मुलाकात की और राज्य के हालात के बारे में बताया।


अक्टूबर में कश्मीर का दौरा कर चुके हैं यूरोपियन यूनियन के सदस्य


भारत ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा छीन लिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान कई विदेशी मंचों पर इस मुद्दे को उछाल चुका है। हालांकि, उसे अब तक सफलता नहीं मिली है। इससे पहले, यूरोपियन यूनियन के 25 सदस्यों के एक दल ने अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की थी। साथ ही सुरक्षाबलों ने उन्हें सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी थी।


यूरोपीय संसद में पिछले महीने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था


सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दूसरे बैच का हिस्सा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जाने वाले हैं। यूरोपीय संसद ने हाल ही में भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और अनुच्छेद 370 के खिलाफ लाए गए संयुक्त प्रस्ताव पर वोटिंग को मार्च तक के लिए स्थगित स्थगित कर दिया गया।